नई दिल्ली। भारत सरकार के ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत युद्धग्रस्त ईरान से रेस्क्यू किए गए 110 भारतीय छात्र आज तड़के नई दिल्ली पहुंच गए। जैसे ही विमान ने राजधानी की ज़मीन को छुआ, वहां मौजूद परिजनों के चेहरों पर राहत की मुस्कान दौड़ गई और कई की आंखें नम हो गईं। अपनों को सलामत देखकर परिवारों में जैसे खुशी की बाढ़ आ गई।
इन छात्रों को सबसे पहले ईरान से अर्मेनिया पहुंचाया गया था, जहां से विशेष उड़ान द्वारा उन्हें भारत लाया गया। इस पूरे अभियान में भारत के तेहरान स्थित दूतावास ने अहम भूमिका निभाई। इनमें से अधिकतर छात्र जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
देश लौटे छात्र यासिर गफ्फार ने भावुक होते हुए कहा, “अपने वतन की मिट्टी पर कदम रखकर सुकून मिला है। ईरान के हालात बेहद भयावह हैं।” वहीं छात्रा गजल ने भारतीय दूतावास और सरकार का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने एक-एक छात्र का ध्यान रखा। छात्रा मरियम रोज ने भी बताया कि सफर लंबा जरूर था, लेकिन कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई।
प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को मिला धन्यवाद
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का धन्यवाद किया। छात्र संघ ने उम्मीद जताई कि बाकी भारतीय छात्रों को भी जल्द सुरक्षित वापस लाया जाएगा।
मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र माज हैदर के पिता हैदर अली ने भावुक होकर कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार ने जो किया, वह सराहनीय है। हमारी सरकार ने दिखा दिया कि संकट में अपने पीछे खड़ी रहती है।”
ईरान में अब भी फंसे हैं हजारों भारतीय
गौरतलब है कि ईरान में करीब 10,000 भारतीय नागरिक रह रहे हैं, जिनमें लगभग 1,500 से 2,000 छात्र हैं। वहां भारतीय दूतावास ने कल सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए अपील की थी कि जो भारतीय नागरिक अब भी ईरान में हैं और दूतावास के संपर्क में नहीं हैं, वे तुरंत नीचे दिए गए नंबरों पर संपर्क करें—
📞 +98 9010144557
📞 +98 9128109115
📞 +98 9128109109
भारत सरकार का यह त्वरित और प्रभावी कदम साबित करता है कि जब बात नागरिकों की सुरक्षा की हो, तो वह कोई कसर नहीं छोड़ती।