तेहरान। अमेरिका के हमले से बौखलाए ईरान ने अब कूटनीतिक मोर्चा खोल दिया है। तेहरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दरवाजा खटखटाते हुए साफ कर दिया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी इजरायल की आक्रामकता का जवाब ईरान अपने तरीके से देगा – और यह जवाब पूरी तरह वैध होगा।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत अमीर सईद इरावानी ने सुरक्षा परिषद की बैठक में दो टूक कहा कि अमेरिका का हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन है और ईरान अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।
ईरानी एजेंसी मेहर न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इरावानी ने परिषद के 15 सदस्यीय निकाय को बताया कि अमेरिकी हमले न केवल गैरकानूनी हैं, बल्कि पश्चिम एशिया में अस्थिरता को और भड़का सकते हैं। उन्होंने अमेरिका पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप भी लगाया।
“जब अमेरिका वार्ता को ही खत्म कर दे, तो ईरान वार्ता की मेज पर क्यों लौटे?” – इरावानी का यह सवाल पश्चिमी देशों पर सीधा प्रहार था। उन्होंने बताया कि ईरान के विदेश मंत्री यूरोपीय नेताओं के साथ गंभीर बातचीत में जुटे थे, लेकिन अमेरिका की कार्रवाइयों ने इन प्रयासों को ध्वस्त कर दिया।
इसी क्रम में, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस्तांबुल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका को सीधी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “परमाणु ठिकानों पर हमला कर अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों की धज्जियां उड़ा दी हैं। इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा।” अराघची ने जोर देकर कहा कि ईरान कभी भी अपनी संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेगा।
उन्होंने अमेरिका द्वारा शहीद कासिम सुलेमानी की हत्या को “आतंकवादी कार्रवाई” बताया और कहा कि ऐसे कदम अमेरिका की नीयत और नीति दोनों पर सवाल खड़े करते हैं।
ईरान का यह आक्रामक रुख अब वैश्विक कूटनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है। अब सबकी निगाहें संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया और पश्चिमी देशों के अगले कदम पर टिकी हैं।