न्यूयॉर्क। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को लेकर बड़ा बयान दिया है। मिडल ईस्ट में ईरान और इजराइल के बीच भड़कते संघर्ष के बीच ट्रंप ने स्पष्ट कहा है कि अमेरिका का हालिया हमलों से कोई संबंध नहीं है, लेकिन अगर ईरान ने अमेरिका पर हमला किया, तो उसका परिणाम विनाशकारी होगा।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “ईरान पर हुए हमलों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन अगर ईरान ने हमारे खिलाफ किसी भी तरह की आक्रामकता दिखाई, तो अमेरिकी सेना पूरी ताकत से जवाब देगी।” उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका ईरान और इजराइल के बीच समझौता करवा सकता है ताकि यह खूनी संघर्ष खत्म हो।
इस बीच, इजरायली सेना ने रविवार को ईरानी सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले की पुष्टि की है। इसमें ईरान के रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय और एसपीएनडी—जो कि एक अहम परमाणु अनुसंधान केंद्र है—को निशाना बनाया गया। इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) का दावा है कि इस ऑपरेशन में उन ठिकानों को भी ध्वस्त किया गया, जहां ईरान कथित तौर पर अपने परमाणु हथियार छिपा रहा था।
इसके जवाब में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इजराइल की ऊर्जा संरचनाओं और जेट ईंधन उत्पादन केंद्रों पर हमला करने की जिम्मेदारी ली है। इस बीच यरुशलम, तेल अवीव जैसे इजराइली शहरों में हवाई हमले के सायरन लगातार गूंज रहे हैं, जो इस टकराव की गंभीरता को दर्शाता है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस कार्रवाई को देश की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक ईरानी खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।”
उधर, डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि अगर वह वाकई खुद को बचाना चाहता है, तो उसे अमेरिका के साथ बातचीत का रास्ता अपनाना होगा। ट्रंप ने साफ कहा, “ईरान को समझौते की मेज पर आना होगा, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।”
मिडल ईस्ट की यह जंग वैश्विक चिंता का कारण बनती जा रही है, और अमेरिका अब खुलकर चेतावनी देने की मुद्रा में दिख रहा है।