वॉशिंगटन। पश्चिम एशिया में उबाल अब और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। अमेरिका ने शनिवार देर रात (भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे) ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और एस्फहान—पर भीषण बमबारी कर दी। इस हमले के साथ ही अमेरिका भी इजराइल और ईरान के बीच चल रहे टकराव में खुलकर कूद पड़ा है।
राष्ट्र को संबोधित करते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की पुष्टि की और चेतावनी भरे लहजे में कहा—“ईरान को अब शांति की राह चुननी चाहिए, वरना अगला हमला और भी बड़ा होगा।”
ट्रंप ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में कहा, “अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और एस्फहान स्थित परमाणु केंद्रों पर एक साथ कई बम गिराए हैं। सभी मिशन पूरी तरह सफल रहे और हमारे सभी लड़ाकू विमान सुरक्षित लौट आए हैं। मैं अमेरिका की बहादुर सेना को सलाम करता हूं। दुनिया में कोई और सेना ऐसा नहीं कर सकती।”
राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “हमने युद्ध से बचने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन अब हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। ईरान के पास अब भी मौका है—शांति का हाथ थामे, वरना अगली बार हमला निर्णायक होगा। अभी हमने सारे लक्ष्य तबाह नहीं किए हैं, लेकिन अगर ईरान ने पलटवार किया, तो हम उसे पूरी तरह बर्बाद कर देंगे।”
ट्रंप के इस बयान और अमेरिका के हमले से क्षेत्रीय हालात और अधिक विस्फोटक हो सकते हैं। अब निगाहें ईरान की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।