NASER MAKAREM SHIRAZI, IRAN

’ईरान के धर्मगुरु का कड़ा ऐलान, ट्रंप और नेतन्याहू को बताया ‘खुदा का दुश्मन’

तेहरान। अमेरिका और इजरायल के शीर्ष नेताओं पर ईरान के एक प्रभावशाली शिया धर्मगुरु ने तीखा हमला बोला है। अयातुल्ला नासिर मकारिम शिराजी ने एक कड़ा ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सीधे तौर पर ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ करार दिया है।

मेहर न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिराजी ने रविवार को अपने कार्यालय से जारी बयान में कहा, “कोई भी व्यक्ति या सरकार जो किसी मरजा (धार्मिक नेता) को धमकाती है, वह खुदा का दुश्मन है।” उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि वे ऐसी धमकियों और आक्रामक बयानों के खिलाफ एकजुट होकर सख्त रुख अपनाएं।

अपने बयान में शिराजी ने साफ कहा, “अगर कोई मुस्लिम अपने धार्मिक कर्तव्य निभाते हुए प्रताड़ित होता है या नुकसान उठाता है, तो वह ऊपर वाले की राह में एक मुजाहिद (योद्धा) माना जाएगा और उसे उसका इनाम मिलेगा।”

फतवे में यह भी कहा गया है कि इस्लामिक देशों या मुसलमानों द्वारा ट्रंप या नेतन्याहू जैसे ‘दुश्मनों’ को दिया गया किसी भी तरह का समर्थन पूरी तरह हराम (निषिद्ध) है। उन्होंने दुनिया भर के मुसलमानों से अपील की कि ऐसे नेताओं को उनकी ‘गलतियों और शब्दों’ के लिए पछतावा करवाना जरूरी है।

यह फतवा ऐसे समय में आया है जब ट्रंप और नेतन्याहू दोनों पर अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ धमकियों और हमलावर टिप्पणियों का आरोप लगा है।

हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में दावा किया था कि उन्होंने खामेनेई को “एक भयावह और अपमानजनक मौत” से बचाया था। वहीं इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि 12 दिन तक चले संघर्ष के दौरान इजरायल खामेनेई को मारना चाहता था, लेकिन ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका नहीं मिला।

13 जून को इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ लॉन्च किया, जिसमें ईरान की परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। जवाब में ईरान ने न केवल इजरायली शहरों पर मिसाइल दागे, बल्कि कतर और इराक में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर भी हमला किया।

इस तीव्र संघर्ष के 12 दिन बाद ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की, लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र में तनाव चरम पर है और अब शिराजी के फतवे ने इसे और अधिक संवेदनशील बना दिया है।

अब सवाल ये है कि ईरान और इस्लामिक जगत इस फतवे को किस तरह अमल में लाते हैं और ट्रंप-नेतन्याहू की अगली प्रतिक्रिया क्या होगी।

ईविन जेल पर इजराइली हमला: 71 की मौत, ईरान ने जताया सख्त विरोध, अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की चेतावनी

EARTHQUAKE

Earthquake in Nepal: रिक्टर स्केल पर 3.9 की तीव्रता, लोगों में मची अफरा-तफरी