तेहरान/तेल अवीव। पश्चिम एशिया में तनाव अब युद्ध के मुहाने पर पहुंच चुका है। इजराइल और ईरान के बीच लगातार तेज हो रहे हवाई हमलों ने शुक्रवार रात और शनिवार सुबह हालात को और भयावह बना दिया। दोनों देशों की राजधानियों—तेहरान और तेल अवीव—भीषण धमाकों से कांप उठीं। ईरान और इजराइल ने एक-दूसरे पर मिसाइलें और ड्रोन दागे, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।
अमेरिकी चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई के जवाब में ईरान ने यरुशलम समेत इजराइल के कई इलाकों को निशाना बनाया। इजराइली रक्षा बल (IDF) ने पुष्टि की है कि ईरानी मिसाइलों ने देश के उत्तर हिस्से में तबाही मचाई। सायरनों की आवाज़ देर रात तक गूंजती रही।
वहीं, द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इजराइली ड्रोन और फाइटर जेट्स ने तेहरान में स्थित परमाणु केंद्रों और सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमला किया, जिससे ईरान में भारी तबाही हुई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमले के बाद ईरान ने तेल अवीव की रिहायशी इमारतों पर दर्जनों मिसाइलें दागीं, जिनमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत और 40 से अधिक लोग घायल हो गए।
अल जजीरा ने बताया कि ईरान का दावा है कि इजराइली हमलों में उनके 78 सैन्यकर्मियों की मौत हुई है, जबकि 320 से अधिक लोग घायल हैं। ईरानी मिसाइलों ने इजराइली शहरों, सेना के अड्डों और परमाणु प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया।
इस घातक संघर्ष पर चीन ने गहरी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू कांग ने कहा कि क्षेत्र में तनाव किसी के हित में नहीं है और बीजिंग ने इजराइल से ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन न करने की अपील की है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में इजराइल के राजदूत येचिएल लीटर ने बताया कि अब तक ईरान ने करीब 150 मिसाइलें दागी हैं और शुक्रवार से शनिवार के बीच तीन बैलिस्टिक मिसाइलों ने इजराइल पर सीधा हमला किया। उन्होंने चेतावनी दी कि “ईरान ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगा” क्योंकि उसके पास केवल 2,000 बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।
ईरान-इजराइल के बीच इस खतरनाक गतिरोध ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सकते में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर प्रमुख वैश्विक शक्तियों तक, सभी इस संघर्ष को रोकने की अपील कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल दोनों देशों के बीच शांति की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।