तेहरान/यरुशलम। पश्चिम एशिया में हालात दिन-ब-दिन और विस्फोटक होते जा रहे हैं। ईरान और इजराइल के बीच तनाव अब खुली जंग की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। शनिवार को इजराइली सेना ने यह साफ कर दिया कि वह ईरान की मिसाइल लॉन्च साइट्स को निशाना बना रही है और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक हर खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।
इजराइली रक्षा बल (IDF) ने कहा, “ईरान के पास अभी भी ऐसे हथियार हैं, जो इजराइल की सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। हम खतरे की हर संभावना को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
खामेनेई के सलाहकार शमखानी का निधन, साज़िश की आशंका!
इस तनाव के बीच ईरान को एक और बड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी और वरिष्ठ सलाहकार अली शमखानी की रहस्यमयी हालात में मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, उनकी मृत्यु इजराइली हवाई हमलों के अगले ही दिन अस्पताल में हुई। हालांकि, मौत का कारण अब तक स्पष्ट नहीं है। शमखानी ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख रह चुके हैं और चीन की मध्यस्थता में सऊदी अरब के साथ हुए ऐतिहासिक समझौते में अहम भूमिका निभा चुके थे।
परमाणु वार्ता पर विराम, ओमान ने किया ऐलान
जैसे ही हालात और तनावपूर्ण हुए, अमेरिका और ईरान के बीच प्रस्तावित परमाणु वार्ता को रद्द कर दिया गया है। ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “रविवार को होने वाली वार्ता अब नहीं होगी। लेकिन हमारा मानना है कि बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र स्थायी समाधान है।”
इराक भी नाराज़, इजराइली विमानों पर जताया ऐतराज़
इस पूरे घटनाक्रम में इराक ने भी अपनी नाराज़गी जाहिर की है। बगदाद का कहना है कि इजराइली लड़ाकू विमानों ने उसके हवाई क्षेत्र का दुरुपयोग किया है। इराक के सैन्य प्रवक्ता सबा अल-नुमान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपने समझौतों का पालन करे और “जायोनी इकाई से जुड़े विमानों” को इराकी आसमान से ईरान पर हमला करने से रोके।
निष्कर्ष:
ईरान और इजराइल के बीच यह बढ़ता संघर्ष अब केवल दो देशों का नहीं रहा, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में भू-राजनीतिक संतुलन खतरे में पड़ता नजर आ रहा है। क्या यह आग और फैलेगी या कूटनीति कोई रास्ता निकालेगी, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।