ईरान-इजराइल टकराव चरम पर: अंतरराष्ट्रीय अपील को किया नजरअंदाज, आबादी वाले इलाकों पर मिसाइलों की बरसात

तेहरान/तेल अवीव। मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की दहलीज पर है। ईरान और इजराइल ने वैश्विक शांति प्रयासों को ठुकराते हुए एक-दूसरे की धरती पर मिसाइलों की बरसात कर दी है। हालात इतने विस्फोटक हो गए हैं कि आबादी वाले इलाकों में भीषण हमले किए जा रहे हैं, जिससे सैकड़ों नागरिकों में दहशत फैल गई है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों ने शनिवार को आम जनता से भरे क्षेत्रों को निशाना बनाकर मिसाइल दागे। यह सब उस समय हुआ जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय बार-बार संयम बरतने की अपील कर रहा था। इस तनाव का असर सिर्फ युद्धक्षेत्र तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका कूटनीतिक असर भी दिखा—रविवार को प्रस्तावित ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता को स्थगित कर दिया गया।

इजराइल का दावा है कि उसने ईरान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त करने के उद्देश्य से हमले किए। जवाब में, ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने चेताया है कि यदि हमले नहीं थमे तो ईरान अपने जवाबी प्रहार और तेज़ करेगा।

इधर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों से तत्काल युद्धविराम की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “ईरान और इजराइल को अब समझदारी दिखानी चाहिए। बैकडोर बातचीत और कॉल्स जारी हैं।”

वहीं, इजराइल के सैन्य प्रवक्ता ने दो टूक कहा है कि “हम किसी भी सूरत में ईरान पर दबाव बनाए रखना जारी रखेंगे।” दूसरी ओर, ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वार्ता के अगले चरण से पहले ही इजराइल इस तरह की आक्रामकता दिखाएगा।

मौजूदा हालात दर्शाते हैं कि दोनों देशों के बीच सिर्फ हथियारों की लड़ाई नहीं, बल्कि राजनयिक मोर्चे पर भी टकराव और गहराता जा रहा है।

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