लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड के लखनऊ, गोरखपुर, मुंबई सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान करोड़ों रुपये की संपत्ति और आर्थिक अनियमितताओं से जुड़े कई इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए गए हैं। माना जा रहा है कि इन साक्ष्यों के चलते पूर्व विधायक की कानूनी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा।
यह पहला मौका नहीं है जब ईडी ने तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे पहले, वर्ष 2023 में एजेंसी ने उनकी लगभग 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। अधिकारियों के अनुसार, गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने निदेशकों, गारंटरों और प्रमोटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के समूह से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधा ली थी। बाद में इस राशि को सहयोगी कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया, जिससे बैंकों को लगभग 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने विनय शंकर तिवारी समेत कंपनी के निदेशकों, प्रमोटरों और गारंटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके तहत ईडी ने गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित उनकी कुल 27 संपत्तियां जब्त की थीं।