भोपाल। मध्य प्रदेश को टेक्नोलॉजी और डिजिटल नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आज (रविवार) ‘एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025’ का आयोजन हो रहा है। इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। इस कॉन्क्लेव में देश-विदेश के प्रमुख टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ और दिग्गज शामिल होंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री इस अवसर पर प्रदेश के लिए चार नई टेक्नोलॉजी नीतियों की गाइडलाइन्स भी जारी करेंगे।
जनसम्पर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने बताया कि यह प्रदेश का पहला पूर्णतः सेक्टर-आधारित टेक कॉन्क्लेव होगा, जो फरवरी में भोपाल में आयोजित जीआईएस से प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर साकार करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम में गूगल, माइक्रोटेक, एवीडिया जैसी बड़ी टेक कंपनियों के प्रतिनिधि और 300 से अधिक तकनीकी विशेषज्ञ, उद्योगपति, नीति-निर्माता और निवेशक शामिल होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस दौरान चार नई टेक्नोलॉजी नीतियों की घोषणा करेंगे, जिनमें जीसीसी नीति, ड्रोन नीति, सेमीकंडक्टर नीति और एवीजीसी-एक्सआर नीति शामिल हैं। इन नीतियों का उद्देश्य नवाचार, अनुसंधान और निर्माण को बढ़ावा देना और प्रदेश में तकनीकी उद्यमिता तथा क्षमताओं को नई ऊँचाइयों पर ले जाना है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में नए आईटी पार्क, स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स और स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटरों का भूमि-पूजन करेंगे। इसके साथ ही ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ और इन्क्यूबेशन हब का उद्घाटन भी होगा। मुख्यमंत्री प्रमुख निवेशकों के साथ एमओयू और आवंटन-पत्रों पर हस्ताक्षर करेंगे। इसी बीच, इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन पोर्टल का भी शुभारंभ किया जाएगा, जिससे निवेशकों को परियोजनाओं की रियल-टाइम ट्रैकिंग और सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा मिलेगी।
कॉन्क्लेव में सेक्टर-विशेष राउंड टेबल मीटिंग्स, सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार बोर्ड से वीसी संवाद और मुख्यमंत्री की टेक लीडर्स के साथ वन-टू-वन बैठकें भी आयोजित होंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह कॉन्क्लेव देश-विदेश के टेक दिग्गजों के लिए निवेश का बेहतरीन अवसर साबित होगा। जीआईएस-भोपाल में आए निवेश प्रस्तावों को साकार करने के लिए यह आयोजन एक अहम कदम होगा और मध्य प्रदेश को डिजिटल भारत की दिशा में अग्रणी बनाने के लिए एक निर्णायक पहल साबित होगा।