नई दिल्ली। भारत ने आतंक के आकाओं को करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर डाला। इस कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमानों से स्कैल्प और हैमर जैसी घातक मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिसने दुश्मन के होश उड़ा दिए। ये दोनों मिसाइलें फ्रांस में बनी हैं और राफेल को अत्याधुनिक मारक क्षमता प्रदान करती हैं।
राफेल में तैनात तीन खतरनाक मिसाइलें – मीटियोर, स्कैल्प और हैमर – चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ाए हुए हैं। खासतौर पर हैमर मिसाइल, जिसे बिना GPS के भी 70 किलोमीटर दूर दुश्मन के ठिकानों पर दागा जा सकता है, बेहद घातक मानी जाती है। यह हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल 60 से 70 किलोमीटर की रेंज में अपने टारगेट को ध्वस्त कर सकती है। 340 किलो वजनी और 10 फीट लंबी इस मिसाइल में नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम लगा होता है, जो इसे बेहद सटीक बनाता है।
राफेल में लगी स्कैल्प मिसाइल तो इससे भी ज्यादा घातक है। 300 किलोमीटर की रेंज वाली इस गाइडेड मिसाइल को दुश्मन के कमांड सेंटर, एयरबेस, गोला-बारूद डिपो और पोर्ट जैसे हाई-वैल्यू टारगेट को खत्म करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी खासियत यह है कि लॉन्च होने के बाद यह दुश्मन के राडार से बचने के लिए जमीन के बेहद नजदीक उड़ती है और फिर आखिरी क्षण में ऊंचाई पकड़कर सटीक वार करती है।
भारत ने जब फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा किया था, तब शुरुआत में बजट कारणों से हैमर सिस्टम लेने का फैसला टाल दिया गया था। लेकिन बाद में इन मिसाइलों की जरूरत को देखते हुए सितम्बर 2020 में फ्रांस से समझौता किया गया। फ्रांस ने भारत की जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए राफेल को जल्द ही हैमर मिसाइलों से लैस कर दिया।
राफेल की इस घातक ताकत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत अपनी सुरक्षा और आतंक के खिलाफ जवाब देने में कोई समझौता नहीं करता। पहलगाम हमले के जवाब में की गई इस कार्रवाई ने न सिर्फ आतंकियों को चेतावनी दी है, बल्कि पाकिस्तान को भी भारत की सैन्य शक्ति का एहसास करा दिया है।