आईएमईसी सिर्फ ट्रांसपोर्ट नहीं, अब बनेगा मल्टीमॉडल कॉरिडोर: विशेषज्ञों ने बताया गेम-चेंजर

नई दिल्ली। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) को लेकर अब नजरिया बदल रहा है। केवल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के तौर पर नहीं, बल्कि इसे एक मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। बुधवार को चिंतन रिसर्च फाउंडेशन (CRF) द्वारा आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने इस दिशा में व्यापक विचार साझा किए।

कार्यक्रम के आयोजक और CRF के प्रेसिडेंट शिशिर प्रियदर्शी ने कहा कि “आज के सेशन का मकसद IMEC को लेकर सामने आ रही आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों की पहचान करना था।” उन्होंने जोर देकर कहा कि IMEC भारत के तेज़ी से बढ़ते आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

प्रियदर्शी ने यह भी बताया कि IMEC को अब सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर न मानकर, डेटा, ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने वाले एक मल्टीमॉडल इकोनॉमिक कॉरिडोर के तौर पर देखा जा रहा है। इसके साथ ही इस बात पर भी मंथन हुआ कि क्या प्रस्तावित मार्ग के अलावा वैकल्पिक रूट्स की संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं।

सम्मेलन के दौरान IMEC की घोषणा, उसके उद्देश्यों और रणनीतिक महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। गौरतलब है कि इस इंटर-कॉन्टिनेंटल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2023 में दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। इसका लक्ष्य भारत को अरब प्रायद्वीप के रास्ते यूरोप से जोड़ना है।

मिस्र के राजदूत कामेल जायद कामेल गलाल ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और इसे ‘जानकारी से भरपूर और अत्यंत महत्वपूर्ण’ बताया। उन्होंने कहा कि भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच व्यापार, निवेश और रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में यह गलियारा अहम भूमिका निभा सकता है।

इस सम्मेलन में भाग लेने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में IMEC केवल इंफ्रास्ट्रक्चर का नहीं, बल्कि डिजिटल और ऊर्जा भविष्य का भी मार्गदर्शक बन सकता है।

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