नई दिल्ली। अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे की जांच अब अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है। इस दुर्घटना की तह तक पहुंचने के लिए केंद्र सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, DGCA और सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने शनिवार को बताया कि यह समिति तीन महीनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मंत्री नायडू ने बताया, “हमारी प्राथमिकता यह जानना है कि आखिर हादसे के पीछे की असली वजह क्या थी। इसलिए ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और उसकी डिकोडिंग से हमें उन आखिरी क्षणों की बारीक जानकारी मिलेगी, जो हादसे से ठीक पहले हुईं थीं।”
उन्होंने कहा कि सुरक्षा मानकों के लिहाज से भारत दुनिया के सबसे कड़े प्रोटोकॉल अपनाने वाले देशों में शामिल है। हादसे के बाद DGCA ने तुरंत एक्शन लेते हुए बोइंग 787 सीरीज के सभी विमानों की गहन तकनीकी जांच के आदेश दे दिए हैं। “हमारे पास भारतीय बेड़े में ऐसे 34 विमान हैं, जिनमें से 8 की जांच पूरी हो चुकी है और बाकी पर काम तेज़ी से जारी है,” मंत्री ने बताया।
मंत्री नायडू ने पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं जताते हुए कहा, “मैं खुद अपने पिता को सड़क दुर्घटना में खो चुका हूं। इसलिए जानता हूं कि हादसे में अपनों को खोना कितना पीड़ादायक होता है। इस खबर ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया। मैं तुरंत घटनास्थल पर गया और हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। गुजरात सरकार ने भी तत्परता से राहत कार्य शुरू किया।”
वहीं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने हादसे की टाइमलाइन साझा करते हुए बताया कि विमान ने दोपहर 1:39 बजे टेक ऑफ किया था और लगभग 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर उसने ऊंचाई खोनी शुरू कर दी। “पायलट ने उसी वक्त एयर ट्रैफिक कंट्रोल को फुल इमरजेंसी की सूचना दी, लेकिन एक मिनट के भीतर ही विमान मेघानी नगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।” हादसे के बाद एयरपोर्ट को 2.30 बजे बंद कर दिया गया और जांच के सभी प्रोटोकॉल पूरे होने के बाद शाम 5 बजे इसे दोबारा खोला गया।
बताया जा रहा है कि यह विमान हादसे से पहले पेरिस से दिल्ली और फिर दिल्ली से अहमदाबाद तक की उड़ान बिना किसी गड़बड़ी के पूरी कर चुका था। हादसे के समय विमान की कमान अनुभवी कैप्टन सुमीत सभरवाल के हाथ में थी, जिनके पास 8,200 घंटों का उड़ान अनुभव है, जबकि उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिन्होंने 1,100 घंटे की उड़ान भर रखी थी।
एयर इंडिया के मुताबिक इस फ्लाइट में कुल 230 यात्री सवार थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक शामिल थे। हादसे में अब तक कुल 270 शव अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंचाए जा चुके हैं। डॉक्टरों के अनुसार, शवों की पहचान डीएनए जांच के ज़रिए की जा रही है और पीड़ित परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
हादसे के बाद गठित Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) की टीम का मानना है कि ब्लैक बॉक्स की डिकोडिंग से विमान के सिस्टम, पायलट के संवाद और तकनीकी फेल्योर के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं। इस रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर सरकार उड़ान सुरक्षा से जुड़े दिशानिर्देशों और प्रक्रियाओं में बदलाव करने पर विचार कर सकती है।
जांच रिपोर्ट के आने तक देश की निगाहें इस पर टिकी रहेंगी कि आखिर इतने आधुनिक और सुरक्षित माने जाने वाले विमान में ऐसी भयावह त्रासदी कैसे हुई। यह रिपोर्ट विमानन उद्योग में सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।