गांधीनगर। अहमदाबाद में गुरुवार को हुए भयावह विमान हादसे में एक परिवार की खुशियां हमेशा के लिए खत्म हो गईं। गांधीनगर के सरगासन इलाके की रहने वाली दीपांशी भदौरिया, जो लंदन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं, हादसे का शिकार बन गईं। दीपांशी पिछले महीने ही अपने पिता—CBI में डीएसपी के पद पर कार्यरत अधिकारी—को जन्मदिन का सरप्राइज देने भारत आई थीं। किसी ने नहीं सोचा था कि यह मुलाकात उनकी आखिरी होगी।
दीपांशी गुरुवार को एयर इंडिया की फ्लाइट से लंदन लौट रही थीं, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और कुछ ही देर बाद एक इमारत से टकराकर आग की चपेट में आ गया।
इस दर्दनाक हादसे में 242 में से 241 यात्रियों की जान चली गई। एकमात्र जीवित बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश का इलाज अस्पताल में चल रहा है। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हुआ है। मृतकों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल हैं।
घटना के चश्मदीद और हादसे में चमत्कारिक रूप से बचे विश्वास कुमार रमेश ने बताया, “सब कुछ एक झटके में हुआ। मैं प्लेन के बाहर की तरफ गिरा, वहीं से निकलने का रास्ता बन गया। मेरी तरफ का गेट टूट गया और मैं बाहर निकल सका। आग की लपटों में मेरा बायां हाथ झुलस गया, पर लोग मेरा बहुत साथ दे रहे हैं।”
वहीं, दीपांशी के घर में अब मातम पसरा है। जो बेटी पिता के जन्मदिन पर खुशी लेकर आई थी, वो लौटते वक़्त सिर्फ यादें छोड़ गई।