अहमदाबाद। अहमदाबाद की पवित्र भूमि पर भगवान श्री जगन्नाथ की 148वीं रथयात्रा का शुभारंभ भक्ति, परंपरा और उल्लास के साथ हो गया। इस बार यह आयोजन कई ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बना — पहली बार अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ को ओडिशा के पुरी की तर्ज पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।
रथयात्रा की शुरुआत गुरुवार सुबह मंगला आरती से हुई, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने परिवार सहित भाग लिया। भगवान जगन्नाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना कर उन्होंने इस अवसर को “दिव्य और अलौकिक” बताया। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा,
“महाप्रभु की मंगला आरती में शामिल होना आत्मिक शांति और ऊर्जा से भरने वाला अनुभव होता है। महाप्रभु सभी पर कृपा बनाए रखें। जय जगन्नाथ!”
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पारंपरिक ‘पाहिंद विधि’ का पालन करते हुए भगवान के रथ के आगे सोने की झाड़ू लगाकर रथयात्रा का विधिवत शुभारंभ किया। यह विधि शुद्ध सेवा और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है, जिसमें राजा या प्रमुख सेवक खुद को भगवान का दास मानकर उनका मार्ग प्रशस्त करता है।
अमित शाह ने देशवासियों को भी श्री जगन्नाथ रथयात्रा की शुभकामनाएं दीं और लिखा,
“यह उत्सव आस्था, परंपरा और हमारी सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम है। महाप्रभु से सभी के कल्याण और समृद्धि की कामना करता हूं।”
रथयात्रा की विशेषताएं:
- भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य शोभायात्रा आज 16 किलोमीटर लंबी यात्रा पर निकली है।
- यह यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए शाम 6 बजे तक मंदिर वापस पहुंचेगी।
- हर साल भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन आज का दिन विशेष है, जब भगवान स्वयं भक्तों के द्वार पर जाते हैं।
- श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है और पूरा शहर “जय जगन्नाथ” के जयकारों से गूंज उठा है।
इस वर्ष की रथयात्रा अहमदाबाद में न सिर्फ परंपरा का प्रतीक बनी, बल्कि ऐतिहासिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ जैसी नई परंपरा की शुरुआत का भी गवाह बनी है।