नई दिल्ली। उत्तरी अरब सागर में एक बड़े हादसे को टालते हुए भारतीय नौसेना ने समय रहते आग में घिरे एक टैंकर से सभी 14 भारतीय क्रू सदस्यों की जान बचा ली। यह साहसिक और जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन उस वक्त अंजाम दिया गया, जब पलाउ का झंडा लिए टैंकर एमटी यी चेंग 6 के इंजन रूम में अचानक भीषण आग लग गई।
29 जून की सुबह जैसे ही टैंकर से ‘मेडे’ कॉल यानी आपातकालीन संदेश भारतीय युद्धपोत आईएनएस तबर को मिला, नौसेना ने बिना समय गंवाए पूर्ण गति से जहाज की ओर कूच किया। यह हादसा संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा से करीब 80 नॉटिकल मील दूर समुद्र में हुआ।
आईएनएस तबर ने घटनास्थल पर पहुंचते ही जहाज के कप्तान से संपर्क साधा और तत्काल राहत अभियान शुरू किया। नौसेना की टीम ने सात क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकालकर उन्हें मेडिकल सहायता दी, जबकि बाकी सदस्य जहाज पर ही रहकर अग्निशमन में जुटे रहे।
खास बात यह रही कि नौसेना का 6 सदस्यीय अग्निशमन दल विशेष उपकरणों के साथ सीधे इंजन रूम में उतरा और तेजी से आग को सीमित कर दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए और अधिक फोर्स भेजी गई—जिसमें 5 अधिकारी और 8 नाविक शामिल थे। मिलकर चलाए गए इस ऑपरेशन के चलते आग को पूरी तरह बुझा लिया गया।
इस दौरान किसी भी सदस्य के घायल होने की खबर नहीं है। आग बुझने के बाद भी आईएनएस तबर मौके पर तैनात रहा और तापमान व हालात की लगातार निगरानी करता रहा।
भारतीय नौसेना का यह अभियान न केवल उसके साहस, तत्परता और तकनीकी कुशलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि समुद्री आपात स्थितियों में भारतीय नौसेना दुनिया की भरोसेमंद “First Responder” के रूप में आगे खड़ी है।
यह एक बार फिर साबित हुआ कि भारत की समुद्री सीमा में सिर्फ निगरानी ही नहीं, बल्कि जान बचाना भी हमारी नौसेना की प्राथमिकता है।