भोपाल/नीमच। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के नीमच में सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने बल के अद्वितीय योगदान और वीरता को सराहा। इस मौके पर शाह ने कहा, “सीआरपीएफ की स्थापना से लेकर अब तक, इस बल के 2264 जवानों ने विभिन्न मोर्चों पर अपने प्राणों की आहुति दी है। इन वीर शहीदों के परिवारों को मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि 2047 तक हम सर्वोच्चता की दिशा में अग्रसर हैं, और आपके प्रियजनों का योगदान इस लक्ष्य में अतुलनीय है।”
उन्होंने यह भी कहा, “जब कहीं अशांति फैलती है और मुझे पता चलता है कि वहां सीआरपीएफ तैनात है, तो मुझे जीत का पूरा भरोसा होता है। सीआरपीएफ की मौजूदगी से हम हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।”
गृह मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक समाप्त कर दिया जाएगा, और इस मिशन में सीआरपीएफ के जवानों का अहम योगदान रहेगा। समारोह से पहले, शाह ने शहीद स्थल पर जाकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर खुली जीप में सवार होकर परेड का निरीक्षण किया।
सीआरपीएफ की आठ टुकड़ियां परेड में शामिल हुईं, और शाह ने इनकी सलामी ली। इसके बाद, उन्होंने वीरता पदक के लिए चयनित सीआरपीएफ जवानों को सम्मानित किया।
शाह ने सीआरपीएफ की भूमिका को देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में अपरिहार्य बताया और कहा, “जब भी देश में कहीं अशांति होती है, मुझे यह जानकर शांति मिलती है कि वहां सीआरपीएफ मौजूद है। उनकी तैनाती से मुझे विश्वास होता है कि जीत निश्चित है।”
समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नीमच जिले की प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया, सांसद सुधीर गुप्ता और जिले के तीनों विधायक भी उपस्थित थे।