त्रिनेक। भारत की 10 वर्षीय रेसिंग सनसनी अतीका मीर ने यूरोपीय रेसिंग के मैदान में देश का परचम लहराते हुए इतिहास रच दिया है। प्रतिष्ठित रोटैक्स यूरो ट्रॉफी के दूसरे चरण में अतीका ने शानदार प्रदर्शन करते हुए नौवां स्थान हासिल किया, और इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कार्टिंग प्रतियोगिता के टॉप-10 में जगह बनाने वाली भारत की पहली रेसर बन गईं।
स्टील रिंग सर्किट पर आयोजित इस स्पर्धा में अतीका ने अक्सेल जीपी टीम की ओर से भाग लिया। क्वालिफाइंग राउंड में उन्होंने अपने ग्रुप में सातवां स्थान पाया। हालांकि, हीट रेस के दौरान दो बंपर पेनाल्टी के चलते उन्हें कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ा, फिर भी उन्होंने हौसला नहीं खोया और टॉप-10 में जगह सुनिश्चित कर ली।
रविवार को हुए प्री-फाइनल रेस में बारिश ने हालात और कठिन बना दिए। गीली ट्रैक पर बिना किसी पूर्व अनुभव के, अतीका ने अपनी जबरदस्त नैसर्गिक प्रतिभा का परिचय दिया और दुनिया के दिग्गज चालकों के बीच जगह बनाते हुए फाइनल में प्रवेश किया।
फाइनल रेस में भी संघर्ष कम नहीं था। दसवें स्थान से शुरुआत करने वाली अतीका पहले चार पायदान पिछड़ गईं, लेकिन फिर दमदार वापसी करते हुए नौवें पायदान पर रेस खत्म की। अतीका न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे एशिया की ओर से सबसे आगे रहने वाली रेसर रहीं।
रेस के बाद अतीका ने कहा, “यह सप्ताह मेरे लिए अविस्मरणीय रहा। दुनिया के बेहतरीन चालकों से मुकाबला करना और उनसे सीखना एक अद्भुत अनुभव था। मेरी टीम और मेरे मैकेनिक आदम ने बेहतरीन काम किया। मैं अपने माता-पिता और भारत के सभी लोगों की आभारी हूं।”
गौरतलब है कि रोटैक्स यूरो ट्रॉफी, जिसे कार्टिंग की दुनिया का वर्ल्ड कप माना जाता है, वही प्रतियोगिता है जिसने मैक्स वर्स्टापेन, जॉर्ज रसेल, लैंडो नॉरिस और ऑस्कर पियास्त्री जैसे नामी F1 ड्राइवरों को जन्म दिया। ऐसे में अतीका का यह प्रदर्शन भारतीय मोटरस्पोर्ट्स में नए युग की शुरुआत का संकेत है।
अतीका मीर पहले ही फॉर्मूला 1 से तकनीकी और आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाली भारत की पहली रेसर बन चुकी हैं। उनका यह साहसिक प्रदर्शन भारतीय रेसिंग के भविष्य के लिए उम्मीद की एक नई रेखा खींचता है।