अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: अयोध्या से काशी तक गूंजा योग का मंत्र, राम मंदिर में पहली बार हुआ ऐतिहासिक योगाभ्यास

लखनऊ। आध्यात्मिक नगरी अयोध्या से लेकर पवित्र काशी और संगम नगरी प्रयागराज तक योग की दिव्य ऊर्जा ने एक नई चेतना का संचार किया। 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर भव्य और भावनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिसने भारत की प्राचीन योग परंपरा को विश्व पटल पर और मजबूती से स्थापित किया।

इस ऐतिहासिक अवसर पर पहली बार राम मंदिर प्रांगण में योगाभ्यास का आयोजन हुआ। सुबह 6 से 7 बजे तक पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में सुरक्षा बलों और पुलिसकर्मियों ने रामलला की दिव्य उपस्थिति में योग किया। शांत वातावरण और अनुशासित ऊर्जा के साथ यह आयोजन पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंगा रहा। साथ ही राम की पैड़ी पर भी सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने योग किया, जिसने इस स्थान को आस्था और आरोग्यता का संगम बना दिया।

काशी में भी दिखा योग का अद्भुत स्वरूप
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में योग साधना का मनमोहक नजारा देखने को मिला। कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना की उपस्थिति में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और श्रद्धालुओं ने मंदिर चौक में योगाभ्यास किया। इस आयोजन ने साबित किया कि काशी न केवल अध्यात्म की राजधानी है, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली की प्रेरणा भी देती है।

प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर उमड़ा जनसागर
त्रिवेणी संगम के पावन तट पर करीब 8 हजार लोगों ने एक साथ योग कर नया इतिहास रचा। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ की मौजूदगी में यह आयोजन एक जनआंदोलन जैसा प्रतीत हुआ, जिसका मकसद योग को आमजन की दिनचर्या में शामिल करना था।

मथुरा में हेमा मालिनी ने दी नेतृत्व
ब्रजभूमि मथुरा में भी योग दिवस की धूम रही। गणेशरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम का नेतृत्व सांसद हेमा मालिनी ने किया। उन्होंने योग को जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाने की अपील करते हुए लोगों को इस प्राचीन अभ्यास की शक्ति से परिचित कराया।

उत्तर प्रदेश में इस बार का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस केवल आयोजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक उत्सव बन गया, जिसमें योग, संस्कृति और जनभागीदारी का त्रिवेणी संगम देखने को मिला।

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